आधी अधुरी तैयारी के साथ अचानकमार टाइगर रिजर्व में सफारी शुरू ।
वादे कई लेकिन जमीन पर एक भी नहीं सब कागजी हवा हवाई ।

दबंग न्यूज लाईव
शनिवार 01.11.2025
बिलासपुर – एक नवंबर राज्योत्सव के साथ ही शुरू हुआ प्रदेश के सबसे बड़े टाइगर रिजर्व अचानकमार में वन्य जीव प्रेमियों और वनों से लगाव रखने वालों के लिए सफारी की शुरूवात । जिस तामझाम के साथ एटीआर के अधिकारियों ने हाईप बनाई थी वो पहले दिन पहली सफारी में ही चारो खाने चित्त हो गई ।

अचानकमार टाइगर रिजर्व का जंगल फिलहाल अभी दस से पंद्रह दिन सफारी के लिए उपयुक्त नहीं जान पड़ता । रूट के अधिकतर रास्ते खतरनाक ढंग से खराब हैं जहां गाड़ियों के फंसने की ज्यादा संभावना है और ये रास्ते अभी सफारी के लिए सहीं नहीं है । ये अलग बात है कि प्रबंधन पिछले दिनों हुई बारिश को इसकी वजह बताता है । माना कि पिछले दो दिन की बारिश ने रास्तों को खराब किया होगा और यदि ऐसा था तो अधिकारियों को सफारी एक हफते के लिए आगे टाल देनी थी । बाहर से आए पर्यटकों को दिक्कत नहीं होती ।

आज सुबह की सफारी के भी अधिकतर पर्यटक आधे रास्ते से ही वापस हो गए क्योंकि एटीआर के सभी रूट बंद थे एक रूट पर ले देकर सफारी गाड़ी निकल पाई ।

अव्यवस्थाओं का अंबार – सफारी के पहले दिन जब सुबह की सफारी शुरू हुई उसी समय से समझ आ गया था कि एक नवंबर से पार्क शुरू करने की हड़बड़ी ज्यादा है । अधिकारियों को पर्यटकों की सुविधाओं और एटीआर की इज्जत की कुछ नहीं पड़ी है । अधिकारियों ने हरी झंडी दिखाने के बाद जिप्सी के ड्राईवर को वॉकी टाकी दिया तो लगा इस बार कुछ नया होने वाला है लेकिन आधे रास्ते में पता चला कि वॉकी टॉकी बंद है चालक ने बताया कि चार्ज ही नहीं है । जिप्सी में भी कई जगह गेयर की दिक्कत आने लगी ।

एटीआर में कोर जोन की सफारी शिवतराई से शुरू होती है । शिवतराई से अचानकमार जाने में ही जिप्सी को लगभग बीस से तीस मिनट लग जाते है मतबल पर्यटन के तीन में से एक घंटे तो सिर्फ रास्ते में ही खतम हो जाते हैं और बचे दो घंटों में बमुश्किल तीस चालिस किमी जंगल के अंदर सफारी होती होगी यदि सफारी जिप्सी की व्यवस्था अचानकमार से हो तो पर्यटकों को ज्यादा समय मिलेगा जैसे कि दो साल पहले तक हुआ करता था ।
इस संबंध में एटीआर के डिप्टी डायरेक्टर से भी बात की गई तो उनका कहना था कि कोर जोन तक प्रायवेट वाहन ले जाने की मनाही है इसलिए शिवतराई से ही जिप्सी की व्यवस्था है । उन्होंने बाकी अव्यवस्था को जल्द ही सुधारने की भी बात कहीं है । अंदर के रास्तों को ठीक करने के लिए उन्होंने एक टीम भी भेजी है ।
सवाल ये है कि जब कोर जोन अचानकमार तक प्रायवेट गाड़ियों को जाने की अनुमति नहीं है तो फिर सरकार यहां के रोड बनाने के लिए करोड़ों रूपए क्यों जारी कर रही है ? बहरहाल इन दिक्कतों के बाद भी वन्य जीव प्रेमी एक बार तो जरूर एटीआर आ सकते हैं लेकिन एकाध हफते रूक कर ही आएं तो ज्यादा अच्छा होगा ।



